गुरु जी ने बताया कि
🌺आज संसार की स्थिति चल रही है, उस से भागना नही है जहां बैठे है वहीं जागना है ।
🌺गुरु ने मन की बीमारी से लड़ना तो सिखाया ही था, अब बाहर की बीमारी से भी जितना है
🌺जब गुरु को अपना हाथ अपना सर्वस्व सौप दिया है तो हमें भी डरना नही है, अपने गुरु पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए, की हमारा और हमसे जुड़े हर व्यक्ति का अच्छा ही होगा ।
🌺अब तक जो गुरु से पाया उसका मनन करना ही गुरु का सम्मान करना होता है ।
🌺अपने को कमजोर ना समझकर प्रभु का ही अंश समझेंगे तभी हर परिस्थिति से ऊपर उठ पाएंगे ।

🌺कर्ण को जब जब दासी पुत्र कहा वो कमजोर होता रहा, जब भगवान ने उनको सूर्य पुत्र कहा तब उनको उनकी शक्तियों का अभास हुआ,
ऐसे ही खुद को भी साधारण ना समझकर गुरु का बच्चा मानेंगे तो खुद के भीतर भी वही शक्ति महसूस होगी ।
🌺प्रभु ने जहाँ रखा है जैसे रखा है वहीं रहकर प्रभु का सुमिरण करते रहें ,
शबरी की कुटिया में श्री राम आएं तो क्या हमारे पास प्रभु नही आएँगे ,
विश्वास रखें गुरु हमारे भीतर ही प्रभु दिखाते है ।
🌺शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ ।