गुरु जी ने बताया कि
🌷भगवान जी सर्वत्र है,,,,,,फूलों में ख़ुस्भु की तरह , चंदा में चांदनी की तरह , सूरज में रोशनी की तरह ।
🌷हम अगर शुद्ध पवित्र होंगे तो कोई हमारा कुछ बिगाड़ नही सकता ।
🌷ये विस्वास रखें की कुछ ना बिगड़ेगा हमारा सतगुरु शरण आने के बाद , हर मुश्किल सुलझ जाएगी कदमों में झुक जाने के बाद ।
🌷हर बात में सम रहें ,,,ये भी गुजर जाएगा क्योंकि वो भी गुजर गया ।
🌷” मैं ” मैं ” करेंगे तो बकरी की तरह काट दिए जाएंगे ।
🌷चाहिए के विचार को पूर्ण विराम लगा दे ।
🌷अपने मन के साथ साथ अपने विचारों को भी कंट्रोल करना सीख लें ।
🌷मेरे पन में ही मेला पन है ।
🌷किसी भी वस्तु या व्यक्ति में हमारा वास ना हो ।

🌷ये ” ज्ञान ” जीवन मुक्ति का है ।
🌷शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ।