गुरु जी ने बताया कि
🥀जो संसार के विषयों में अटका रहेगा वो ” विसंभर ” नही बन पाएगा ।
🥀गुरु ” ज्ञान ” से हमे मन और तन के बंधन से मुक्त करते है ।
🥀ना मिस, ना मिस्टर, न श्री मति, हमे तो मिस्ट्री बन ना है ,,, जो गुरु कृपा से ही प्रकट होता है ।
🥀जब हमारी ” खुदी ‘, मतलब ” मैं मेरा ” जाएगा, तभी ” खुदा ” बन पाएंगे ।
🥀मन है सांप टेढ़ा, मेढा , चलता है, उसको ज्ञान की बीन सुनाकर आत्मा की पिटारी में बंद करना है ।
🥀मीरा को कृष्णा मिल गए हम भी चाहते है कि हमे भी कृष्णा मिल जाएं तो ये भी तो सोचो कि मीरा ने कितना कुछ सहा ,,हम तो जरा सी बात में परेशान हो जाते है ।
🥀अपनी मैं को मारेंगे तब खुदा प्रकट हो जाएंगे ।
🥀सन्यास भागने का नाम नही बल्कि जागने का नाम है ।
🥀शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ ।
राम को ही वनवास दे दिया
भगवान साकार बन कर आता है..
तो उसे पहचानते ही नहीं,
राम को ही वनवास दे दिया..
गुरु के पास कोई आता है तो धर वाले डरते हैं..कि कहीं कुछ दे ना आए..क्योंकि ओर साधु संत लेते हैं..
पर यहाँ गुरु देता ही रहता है..उसे तुम्हारे पदार्थों से क्या चाहिए..
भगवान ने तुम्हारे लिए सब बनाया है तुम उसे क्या दे सकते हो..खिलाता है जो सारी सृष्टि को उसे कैसे खिलाऊँ में..
भगवान को एक रुपया भी चढ़ाते हो..तो कुछ मांग लेते हो..मन इतना चालाक है..
एक आदमी चढ़ाई नहीं चढ़ पा रहा था..
भगवान से कह रहा था में इतने का प्रसाद चढाऊँगा मुझे चढ़ा दो..फिर प्रसाद के रुपये बढ़ता गया..घीरे घीरे ऊपर चढ़ गया..
तो बोला में इतना चढ़ा दुँगा तो मेरे पास क्या बचेगा..ओर मुकर गया..बोला ना में चढ़ा ना में चढ़ाऊँ.
ये मन इतना चालाक है..भगवान से भी मुकर जाता है..
ब्रह्मज्ञान के लिए तुम्हें कुछ नहीं करना है बस गुरु का संग करना है..उसके अनुसार चलना है..
ब्रह्मज्ञान साधन भी गुरु है ओर सिद्घि भी गुरु है..डोरी सोंप के तो देख एक बार..🌿🌹🌿🌹🌿🌹