गुरु जी ने बताया कि
🍃डाई बिफोर यू डाई,,,,,, मतलब शरीर से मरने से पहले अपनी ” मैं ” से मरना है,अपने अहम से मरना है, अपने विकारों से मरना है,अपने अंदर के द्वेष को मारना है,अपने अंदर के दुझे भाव को मारना है,,,,,,,,,,,,,,।
🍃जब अपनी ” मैं ” को मारेंगे तभी भीतर खुदा प्रकट होंगे,,,,,,,,,,,।
🍃मैं ना मरबो, मरबो संसार ,मोहे मिलो है जियावन हार,,,,,,,,मतलब मैं आत्मा हु शरीर मरेगा ,मुझे गुरु ने बता दिया मैं देह नही आत्मा हु,,,,,,,,,,,,,,।
🍃हर पल बोलो और महेसुस भी करो कि भगवान मेरे साथ है,,,,,,,,,,,,,,,।
🍃गुरु हमे जीते जी मुक्त कर देते है, बाद में ना मोक्ष की ना अमरत्व की ख्वाइश रहती है,,जैसे राजा परीक्षित को बोला हम आपको श्राप मुक्त कर देंगे, पर जब उनको आत्मा का ज्ञान हो गया तो बोले अब मुझे कुछ नही चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,।
🍃जो भयभीत होता है वो कभी आनंदित नही हो सकता,,,,,,,,,,,,,,।
🍃अपनी ” साधना ” में अपनी ” विर्ती ” में जागते रहो,,,,,,,,,,,,,।
🍃परमात्मा से पदार्थ नही , परमात्मा से परमात्मा को ही मांगों,,,,,,,,,,,,,,।
🍃शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,,,,,,।