गुरु जी ने बताया कि
🌼 चाँद की परछाईं चाँद से कम नही ,, ऐसे ही गुरु जी भगवान से अलग नही , गुरु जी भगवान ही है,,,,,,,,,,,,।
🌼दिन भर अपनी समस्याओं का वर्णन मत करो ,, समस्याओं को गुरु ज्ञान से सुलझाते चलो,,,,,,,,,,,,,।
🌼किसी ने दादा से कहा आप खुद को आत्मा कहते हो फिर आप खाते पीते क्यों हो, ?,,,,तो दादा जी ने बताया कि मैं आत्मा हु और इस देह को खिलाता हु, मैं नही खाता हु,,,,,,,,,,,,।

🌼अगर कोई सत्संग की सेवा ले रहा है, दे रहा है दोनो एक दूसरे का धन्यवाद करें,,,,,,,,,,,,,।
🌼जहाँ ममता होती है,, वहां समता नही आ सकती,, जहाँ समता होती है वहाँ ममता टिक नही पाती,,,,,,,,,,,,,।
🌼मर्यादा मतलब मरकर जीना, अपनी ” मैं ” से अपने ” अहंकार ” से मरना,,,,,,,,,,,,,,।
🌼पाप मतलब परे अपनी आत्मा से ,, जो अपनी आत्मा में रहता है,, देह से उपराम रहता है,,,,,उस से पाप नही हो सकता,,,,,,,,,,,।
🌼शुक्राने सतगुरु जी के , हरि ॐ,,,,,,,,,,,,,।