गुरु जी ने बताया कि
🍁गुरु का प्रभाव अच्छा लगता है क्योंकि उनमें ” पर का भाव मतलब दूसरा भाव ” दूजा भाव नही होता,,,,,,,,,,,।
🍁एक ज्योतिष ने राजा से कहा कि तुम्हारे हाथों से तुम्हारे बेटे का संस्कार होगा,,राजा ने क्रोध में आकर उसको क़ैद में डाल दिया,,कुछ दिन बाद ज्योतिष का दोस्त आया उनको छुड़ाने ,और राजा से बोले आप दीर्धायु है,आप अपने हाथों से अपने पोते का तिलक करेंगे ,,खुश होकर राजा ने कहा कुछ मांगो, वो बोला मेरे मित्र को छोड़ दीजिए,,,,,,,इसका सिद्धान्त गुरु जी ने ये बताया कि,,,,,,,,जो भी बोलो मीठे पन से नम्रता से बोलें,,,,,,,,,,।
🍁गुरु के वचन भी प्रेम और नम्रता से सुनाएंगे तो सबका मन भी शीतल हो जाएगा,,,,,,,,,,,।
🍁शब्द संभाले बोलिये शब्द के हाथ ना पावँ,,,,,,,,,,,।
🍁दोष दृष्टि से हटेंगे तभी परमात्मा से योग होगा,,,,,,,,,।
🍁जितनी देर हम किसी को भगवान करके देखेंगे उतनी देर हम भी भगवान बन जाते है,,,,,,,,,,।
🍁इधर उधर की नही सिर्फ भगवान की बातें करनी है,,,,,,,,,,।
🍁शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,,।