गुरु जी ने बताया कि
🌲सुराही झुकती है तभी शीतल रहती है,,,उसके ऊपर की प्याली कभी झुकती नही तभी प्यासी की प्यासी रहती है, हमे भी शीतल रहना है तो झुक कर चलें,,,,,,,,।
🌲गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा कभी कम मत होने देना,,,,,,,,,,।
🌲जो निमाणा बनता है ,वही प्रभु को पाता है,,,,,,,,।
🌲प्रकृति मौन में सारे कार्य करती है ,मौन हो जाओ,,,,,,,,,,,,।
🌲साधु चुप का है संसार ,धरती चुप, सूरज चुप, चंदा चुप ,तारा चुप, हम क्यों नही चुप रह सकते ?,,,,,,,।
🌲संसार का धन कमाने के लिए धन की आवश्यकता होती है, प्रभु पाने के लिए बुद्धि की नही शुद्ध भाव की जरूरत होती है,,,,,,,,,,।
🌲शरीर स्थूल,फिर मन, मन से श्रेष्ठ बुद्धि, बुद्धि से श्रेष्ठ आत्मा होती है,,संसार मे बुद्धि से कार्य होता है, मन और बुद्धि को वश करने के लिए, बुद्धि की जरूरत पड़ सकती है,,,,,,,,,,,।
🌲इन्द्रीय , मन, बुद्धि आत्मा के कंट्रोल में है,,,,,,,,,,,।
🌲बुद्धि अपने आप नही गलती ,,इसको गलाना पड़ता है,,,,,,,,,,,।
🌲शुक्राने सतगुरु जी के, हरि ॐ,,,,,,,,,,,,।