गुरु जी ने बताया कि
🍁जिसने भी गुरु की ,” मत ” मानी उसकी ” क़ीमत ” बढ़ गई ।
🍁गुरु हमे जीवन के बंधनो से निकलने के लिए युक्ति देते है ।
🍁गुरु की दी हुई युक्ति में ही हमारी मुक्ति छुपी होती है
🍁कूड़ा कचरा थोड़ा, थोड़ा फेंकेंगे तो समय लगेगा,,
लेकिन एक माचिस की तीली से जला देंगे तो सब भस्म हो जाएगा ऐसे ही मन मे भी गुरु प्रेम की आग लगा दो की सारे विकार जलकर भस्म हो जाएं ।
🍁प्रभु की स्तुति करने से मन की स्थिति बनती है ।
🍁गुरु की याद ही हमारे जीवन की बुनियाद है ।
🍁पहले कहते थे कि बाटेंगे तो बढ़ेगा,,,,अब गुरु जी कहते है कि बाटेंगे तो बरसेगा ।
🍁गुरु की उपस्थिति शक्ति और शांति देती है ।
🍁शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ ।
तुमने ऐसा गुरु का दामन पकड़ा है कि कभी दुखी नहीं रहोगे
यहाँ कोई बनावट नहीं है
यहाँ का प्यार विशेष प्यार है
जो ओर कहीं नहीं मिल सकता है..
जो आंतरिक आंनद तुम यहाँ देखते हो..वो दादा की कुर्बानी से हरेक को मिल रहा है
सबका दिल यहीं कह रहा है..कि आज अगर गुरु ना मिलता तो ये बहारे ना होती..
जो अपने को काल कोे समर्पित कर रहा था ..उसने गुरु को समर्पित कर दिया..तो कैसे आंनद आ गया
जैसे पुराना साल खत्म हो गया..ऐसे नये नये विचारों की शुरुआत करो..
आज माया के लिए कोई स्थान बचा ही नहीं है..भारी गुरु अंदर बस गया तो माया बाहर निकल गई
आज गुरु ने सबकी बिमारियां दुर कर दी..सबकी नींद की गोलियां छुट हई है..
गुरु तुमको ये आंनद फ्री में लुटाता है
सबका निश्चल प्रेम ओर एकत्व देख कर बहुत खुशी हो रही है..कैसे एक पक्षी ने सारा समुद्र सुखा दिया..
जब साथ में ओर पक्षी जुट गए..तो एक एक के संकल्प से समुद्र को भी सुखना पड़ा..
आज गुरु के साथ तुम सब पक्षी आगे बढ़े तो दुखों का समुद्र भी सुख गया
आज हरेक का जीवन आंनद पुर्ण हो गया है..
तुम सबके आंसु पोंछते हो तो तुम्हारे दुख अपने आप दुर हो जाते हैं..यहाँ इतना बड़ा परिवार है किसी को भी खालीपन नहीं लगता ..
तुमने ऐसा गुरु का दामन पकड़ा है कि कभी दुखी नहीं रहोगे..
आज के दिन प्रण कर लो..कि हमें शांत हो जाना है..शुद्घ हो जाना है..
ऐसे गुरु का आर्दश है हमारे सामने..अगर वो कर सके तो हम भी कर सकते हैं..
ये विषय विष छोड़ कर अपना जीवन आंनद मय बनाओ..
जो अपना जीवन आंनद मय बनाता है..वो सारे दुखो से छुट जाता
हमारा जीवन कंटीला न रहे प्रेम करना सीखे..एक आदमी बहुत अमीर था उसने बहुत सारे पेड़ लगा रखे थे..
उसमें से एक पेड़ सुख गया था..
दोस्त ने कहा इसे काट दो हरा हो जाएगा..
तो उसने कटवा दिया ओर एक महीने तक उसकी सेवा करता रहा. .पर पत्ते नहीं आए..
तो दोस्त के पास पहुँचा बोला तुमने बहुत गलत किया पेड़ को कटवा दिया..उसमें अभी तक कोपल नहीं निकली है..
गोस्त ने कहा उसमें भवे रोपलनहीं निकली पर तुम्हारे हृदय में को प्रेम की कोपल निकल आई..
तुम उसे प्यार तो करने लगे..ओर वास्तव में वो पेड़ कुछ समय में हरा भरा हो गया..
हम अपने अंदर सुखे हो गए हैं..जब हम प्रेम करते है..तो हमारा हृदय प्रेम मय हो जाता है..
अपने को प्रेम से कभी वंचित मत किजीए..
अगर आप अपने को परमात्मा से जोड़ दे..तो कोई आपको अपमानित नहीं कर सकता है
समय बदलता जाता है उमर बढ़ती जाती है..पर हम अपने आप को सम भाव में रखें
अपने मन में संकल्प करे कि हमारा जीवन दुसरों के हित में बीते..खाली मिठाई नहीं बांटे..अपने जीवन की मघुरता सबको देते चले..नफरत तो बहुत कर ली अब प्रेम से सबको अपना बनाते चले..🌹🌿🌹🌿🌹🌿