(“संसार से कुछ चाहिए तो नही मिलेगा।
*जिनके पास कुछ नही है,वो तुमको क्या देंगे।
*बेपरवाह बादशाह बन कर देखो।,,,उनसे पहले वे मुए, जो कहु माँगन जाहि।
*जो अपनी प्रतिष्ठा मिटा कर मांगने जाते है,वो मरे के समान है।
*जो बीज डाला जाता है,वो सामने आता ही है,छिपस नही कुछ तेरे छुपाए,इंसान के किये गए कर्म उसके सामने आते है।
*लड़के ने गुड़िया चुरा ली,कही पता नही चला,छोटी लड़की रो कर रह गयी,कुछ समय बाद लड़के की माँ ने देखा,लॉन में किनारे बहुत घास जम गयी थी,घास उखाड़ी तो गुड़िया निकल आई,क्यों कि गुड़िया के मुह में मूंग के दाने पड़े थे,जो जम गए थे।……….तो लड़के की चोरी खुल गयी,,तुम लाख परदों में छुपा कर कर्म करो,पर तुम्हारे सामने जरूर आते है।
*रमन महर्षि शिव मंदिर के नीचे तहखाने में उतार गया,वही भक्ति में लीन हो गया,शरीर पर चीटियां लग गयी,क्यों कि वहा दूध टपकता था,कीड़े मकोड़ो ने घेर लिया,पर वो इतना तल्लीन था,कि उसको कुछ पता नही चला। तब भगवान ने अमेरिका के एक व्यक्ति के सपने में जाकर कहा,वहाँ जाओ ……एक बड़ा संत है,उसका ध्यान रखो,टैब उसने निकाला और उसको प्रकट किया।
भक्ति करे पाताल में,प्रकट होय आकाश….रज्जब तीनहुँ लोक में,छिपे न हरि का दास
*अपने अंदर की परतों को उतारते चलो।
*की मैं ये शरीर नही हु।
दादा जी कहते थे,,
I am not this body,I am that Atma….
*पता नही जब देह का उनको,औरो से क्या मतलब…वो तो कूटस्थ,निश्चल है,अविद्या के सभी गहने।
*जीवन मे ज्ञान सहित रहो…….ये शरीर भी जाने वाला है,तो क्या पकड़ कर बैठे हो।
*सपने ज्यूँ संसार,,अभी है,अब नही……
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*राजा को रानी ने जगाया रोते हुए,बोली…दोनो बेटो का एक्सीडेंट में शरीर शांत हो गया है,राजा को थोड़ी देर कुछ लगा,पर फिर बोला,,मैं अभी 4 बेटो के साथ खेल रहा था,सपना टूट गया,या वो 4 बेटे भी नही है,अब मैं उन 4 के लिए रोऊँ या इन 2 के लिए रोऊँ।………..सपना ही तो है ये संसार।
*संसार से किसी को आज तक तृप्ति आई है क्या?
बस थोड़ी देर का छणिक सुख मिलता है,,जब मन चंचल होता है तो इसको सुख नही मिलता है,,अपने को शरीर मान कर दुख पीड़ा संताप सहते रहते हो।
*विचार से सभी सुख दुखो को काटते चलो,,सव भ्रम जाल है।
*शेर है जंगल का राजा,पर एक छोटी सी मक्खी उसको सोने नही देती है।
*अपने मन पर ज्ञान के विचारों से जीत पा लो।
*मन जिस जीत लिया, मान जगत में पाया।
*ज्ञानी को संसार के विकार ऐसे असर नही करते है,जैसे सिलिंडर की आग,सिलिंडर को नही जलाती है।))
जय गुरुदेव,शत शत नमन💐💐💐