गुरु जी ने बताया कि
🍂 भगवान जी की आरती में गाते है ” तुम मात पिता हम बालक तेरे,,,,,
फिर थोड़ी देर में कहते है भगवान मेरे बच्चों का ख्याल रखना,,,,,,
जब हम भगवान के बच्चे है तो हमारे बच्चे भगवान के बच्चे नही है क्या ?,,,,,जब भगवान हमारी संभाल रखेगा तो हमारे बच्चे की भी तो संभाल रखेगा ,,विस्वास रखें,,,,,,,,,।
🍂भगवान को कहते है तेरा तुझको अर्पण ,,,फिर कहते है ,,,,मेरा घर,,,मेरे बच्चे,,,,,जब एक बार भगवान को कह दिया सब तेरा फिर मेरा क्यों कहते हो ?,,,,,,,,,,,।
🍂” मैं ” हु तो मेरा है,,,,,मेरा है तो घेरा है,,,,,तो सबसे पहले ” मैं ” को ही गुम करना है,,,,,,,,,,।
🍂संत मिले दो वचन कहिये,,,,,,” असंत ” मिले मौन रहिये,,,,,,,,,,।
🍂गुरु वचनों से अपना जीवन सुंदर बनाते चले,,,,,,,,,,,।
🍂जैसे ” माँ ” को कोई काम होता है तो वो अपने बच्चे कोई कोई खिलौना देकर अपने से दूर कर देती है,,,,,ऐसे ही भगवान जिसको खूब धन दौलत देता है तो समझो खुद से दूर कर रहा है,,,जैसे बच्चा खिलोने में मस्त वैसे ही हम भी धन दौलत में प्रभु को भूल जाते है,,,,,,,,,,।
🍂अगर भगवान ने कुछ कम दिया है तो खुश रहो की भगवान ने मुझे अपनी शरण मे रखा है,,,,,,,,,।
🍂शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,,।