गुरुवाणी 28 06 2019 Friday🌹🌿🌹🌿🌹
तु प्यार का सागर है तेरी इक बूंद के प्यासे हम..तुम्हारे अंदर सब कुछ है..ये तुम्हारे हाथ में है कि
तुम क्या निकालते हो..विष निकले या अमृत निकले डुब कर थहा अपनी पा ले..तु है शिव तु है शिव
का
दादा के पास कोई रोता हुआ आता था..तो हँसता हुआ जाता था..कोई तुमसे उलटा चले तुम उससे
भी सीघा चलो..मरे जो तुमको मुक्का पाए तीन चुमा..कोई आकर किसी की बुराई करे तो उसकी हाँ
में हाँ मत मिलाओ..तुम हर बात को अच्छा करके देखो..क्या बुरा क्या अच्छा ..तुम्हारा दृष्टिकोण
सही होना चाहिए..तभी सुखी
दादा जी ने बोला हर हालत शुक्राना मानने के योग्य है..काले बादलों के बीच भी एक सिल्वर लाइन होती है..
भाग्य बड़े जब हरी सतगुरु बन जीवन में आ जाए..शुक्राने मानो जो ऐसा सतगुरु मिला है..जिसने धर बैठे जीवन बना दिया..
तुमको गुरु ऐसा पावर फुल बना देगा..कि तुम जहाँ भी रहोगे प्रेम की दुनियां बनाकर रखोगे..
हर वक्त मुस्कराते रहोगे तो गुस्सा नहीं कर पाओगे..मेरा मुस्कराता चेहरा रहेगा.. यही सब पर
उपकार हो
हम अपने प्रेम का पंजा मारे की कठोर हृदय भी पानी हो जाए.. गुरु नानक ने पंजा लगाया तो पानी
निकला..हम अपने प्रेम से किसी की कठोरता मिटा सके..सबको प्यार करो खाओ खेलो..
एक बार एक राजा ने सबको दावत दी..पर हाथों में खप्पचियां बंघ दी..तो कैसे खाए..तो युक्ति
सुझी..हरेक ने अपने सामने वाले को खिलाया..सभी का पेट भर गया.🌿🌹🌿🌹🌿🌹