गुरु जी ने बताया कि,,,,,,,,,
🌷माया से मन बचकर प्रभु में लग जाये तो समझो कि ज्ञान जीवन मे लग गया,,,,,ज्ञान मतलब जीवन जीने की सही समझ,,,,,,,,,,,,,।
🌷स्मरण ज्ञान है तो विस्मरण भी ज्ञान है,,,,,,,,,,।
🌷या इतने छोटे बन जाये कि सब बड़े लगे,या इतने बड़े बन जाएं कि सर्वत्र भगवान ही दिखे,,,,,,,,,।
🌷गुरु हमे कर्मो से बचाते है जैसे अज्ञानता में,,,,,,,
🌷कुत्तों की तरह सारा दिन व्यर्थ बोलते थे,,,,,,,,
🌷गधे की तरह बेवजह का बोझा उठाते थे,,,,,,,
🌷बिल्ली की तरह नूस नूस करते थे,,,,,,,
🌷छिपकली की तरह सबकी बातें कान लगाकर सुनते थे,,,,,,,,
🌷गुरु ने ये सारी जानवरो वाली आदते छुड़वा ली,,,,,,,,,।
🌷फल कच्चा ही डाली से टूट जाएगा तो मीठा नही हो सकता,डाली से जुड़ा होगा तो रसीला होगा,,ऐसे ही हम भी संसार मे जुड़े रहेंगे तो मीठे रहेंगे,,,,,,,,,,,।
🌷संसार से भागकर नही जागकर वैराग्य आ सकता है,,,,,,,,,,।
🌷गुलाब जामुन की एक बूंद गिरे तो हजारों चींटिया आ जाती है,,,,,,,,तो क्या हमारे अंदर गुरु के वचनों की मीठास है तो कोई खिंचा नही आ सकता ?,,,,,,,,,।
🌷शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,,,,।