Gyani हरएक में आत्मा देखता है और सबमें अपना आप ही समझता है. केवल अपने साथ ही मेहनत करनी चाहिए और दूसरे को मत देखो. दुनिया में कोई भी किसी से sachha प्यार नहीं करता है. स्वार्थ लाग करे सब प्रीति,
हर व्यक्ति अपने मतलब से ही दूसरे से प्यार करता है 🌷 लेकिन गुरू ही हमसे सच्चाई से प्यार करते हैं अपना जान कर.
बिना किसी फायदे के लिए हमें अतिशय प्यार करता है.

🌷 सत्संग ही भगवान है यहाँ पर सब कुछ मिलता है.
जब तक हम देह भाव में रहते हैं तो परेशान होते हैं और जब आत्मा में रहेंगे तो अपने आनंद में रहेंगे. जगत की विषैली और कडवी बातों से दूर रहने की आदत पड़ जाएगी.
क्योकि जगत मिथ्या है और हम लोग उसी में फँसे रहते हैं. जब तक वो परमात्मा इस दिल में नहीं दाखिल होता है तब तक तुम्हें शांति और आनंद नहीं मिलेगा.
❤ इसलिए गुरुजी से हमको यही प्रार्थना है कि हम लोग का मोह आप छुड़ा दीजिए.
🎤🎼BHAJAN 🎤🎼🎤