“जो जगत तुमको तंग करता है,वो गुरु को दे दो।
★आज की पॉइंट है,जिस मिलिए मन होय आनंद,सोई सतगुरु कहिए।
*जिसके मिलने पर तुम्हारे अंदर खुशी की लहर आ जाये,की आज मुझे खोया हुआ आनंद मिला है।
जिस तरह से सांसारिक चीज जो नही मिल रही थी,वो अगर मिल जाये,जैसे अचानक किसी के घर बेटा हो जाय,जिसके लिए डॉक्टर मना कर चुके थे,
या खोया हुआ बेटा मिल जाये,लड़की की शादी न हो रही हो,हो जाय,,
आदि अनेको खुशियों को एक साथ मिला दो,जितनी खुशी हो,उससे भी ज्यादा गुरु के मिलने से होती है।
*संसार की खुशिया आती है जितनी खुशी से,उतनी ही जल्दी दुख भी आता है।
संमझो अभी विदेश से लड़का आ रहा है,माँ इतना खुश है,
माँ बाप एयरपोर्ट लेने जाते है,पर साथ मे लड़की देख कर उनकी खुशी गम में बदल जाती है क्यों कि वो
मुसलमान लड़की से शादी कर लाया है,,,ऐसी है संसार की खुशिया।।
जग की वस्तु थिर नही कोई,पल पल मिटती जाए।
*किसी के पास बड़ी गाड़ी है,ठाठ बाट है,तो देख कर मन दुखी होता है,हमने बोला,क्या वो खुश है,जाकर पता
करके आओ,तो बोला कि खुश नही है।
*तो फिर क्यों ऐसा चाहते हो,,,।
*लालच,अधिकार भावना,ईर्ष्या दुखी करती है…..की उसके पास इतना है,मेरे पास कम है।
दादा जी बड़े बड़े आदमियों के पास लेकर जाते थे,दिखाते थे,की ये कितने दुखी है,उनके पास समय ही नही है,,
बड़े बड़े मिनिस्टर चाहते है ज्ञान,पर उनके पद अध्यात्म के लिए समय नही है,,,,और तुम यहाँ महीनो रह जाते
हो,और अपना जीवन ऐसा बनाते हो,की दुसरो को भी खुश करते हो,तो बताओ,तुम सुखी हो या वो सुखी
है,जिनके पास बड़ी बड़ी गाड़ी बंगला है??
*अपने ऊपर कृपा हो,और सतगुरु का साथ हो,तो ये दो चीज पर्याप्त है अगर बढ़ने के लिए,,साथ जिनके
सतगुरु है,वो कभी नही गिरते है,जिंदगी में वो हमेशा आगे बढ़ते है,,बहुत भाग्यशाली हैं वो जिन्हें सतगुरु मिला है।
जय गुरुदेव, शत शत नमन🌹🙏🌹🙏🌹