गीता भवन को हैप्पी अवतरण दिवस , सतगुरु गीता भगवान के अनन्त अनन्त शुकराने
गुरु जी ने बताया कि,,,,,,,,,
🌷भोगी नही बनना है,भोग बन जाएं,,मतलब प्रशाद का भोग प्रभु लगाते है,तो वो भोग अमूल्य हो जाता है,प्रभु हमे भी अमूल्य बनाना चाहते है,मतलब हमारी उपस्थिति सबके लिए सुख दाई बन जाएं,,,,,,,।
🌷प्रेम के बिना भक्ति नही हो सकती,और भक्ति के बिना ज्ञान जीवन मे नही लग सकता,मतलब प्रेम होगा तो भक्ति करेंगे तभी ज्ञान जीवन मे लगेगा,,,,,,,,।
🌷निंदा वाले हमारा क्या ले जाएंगे,प्रसंशा वाले हमे क्या दे जाएंगे,,,,ज्ञानी दोनों में सम रहता है,,,,,,,,,।
🌷हमारा खुद के लिए पुरुषार्थ है ,,मैं कौन हूं,? ये पहेली सुलझाना गुरु ने बता दिया,,,,मैं वो आत्म तत्व हु,,,,,,,,,।
🌷जूठ की नाव थोड़ी बोला,सच की नाव ,,केवटिया सतगुरु,,मतलब हमेंशा अपने सत्य पर टिके रहें,,,,,,,,,।
🌷किसी के भी कर्मो में न जाएं जो जैसा चल रहा है मेरे प्रभु की मर्जी से चल रहा है,,,,,,,,,।
🌷हमारे हाथ मे है जीवन बना ना हीरा कोड़ी के लिए न गवाना,,,,,मतलब मनुस्य जन्म अनमोल है उसको जलन,कुढ़न,छल,कपट,में ना गवाएं,,,,,,,इसको प्रभु राह पर लगा दे,,,,,,,,।
🌷शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,।
