गुरु जी ने बताया
🌹टी,वी, शास्त्र हमें ज्ञान जरूर देते है लेकिन हमारी गलती के लिए ना हमे रोकते है और ना ही हमारी गलती सुधारते है ।
🌹तीन तरह की गुड़िया बताई
- 1🌹पत्थर की गुड़िया,मतलब पत्थर थोड़ी देर पानी मे रहा लेकिन पानी से निकलकर वापस जैसे था वैसे हो गया,,,,मतलब कुछ लोग ऐसे ज्ञान सुनते ही सुना और थोड़ी देर भूल गए,,,,,,,,,।
- 2🌹कपड़े की गुड़िया ,,,,जो पानी मे भीगी और ज्यादा देर तक गीली रही और पानी का आनंद उठाया,मतलब ज्ञान सुन ने के बाद ज्यादा देर तक आंनद में रहें,,,,,,,,,,।
- 3🌹नमक की गुड़िया,,,,,,मतलब जैसे नमक पानी मे घुलकर अपने आप को भूल जाता है,,,ऐसे ही ज्ञान में अपने आपको बिल्कुल गुम कर देना है,,,,,,,,,।
🌹जो घरो में काम करती है वो कितने सारे घरो में बर्तन , सफाई ,कपड़े करके भी थकती नही, कितनी खुश रहती है,,हम क्यों नही खुश रह सकते ?
🌹सहज और सरल हो जाएं
सहज होंगे तो ” हज ” करने की जरूरत नही पड़ेगी ,,सरल होंगे तो तरल भी हो जाएंगे,,,,,,,,,।
🌹पहले कहते थे कि, कण , कण, में भगवान है,,,,मतलब जो कण , कण, के बीच मे जगह है वहां क्या भगवान नही क्या ?,,,,,मतलब भगवान सर्वत्र है ।
🌹शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,।