🌹 जिससे आसक्ति नहीं हो उससे प्रेम करना चाहिए और यदि आसक्ति रखेंगे तो उनसे अपने मतलब से प्यार करते हैं और Guruji यही कहते हैं कि तुम अपने लोगों से तो प्यार करते हैं
लेकिन जिनसे नफरत करते हैं और जो तुम्हारा नुकसान करते हैं उनसे भी प्यार करके देखिये तब जाकर मन में शांति होगी.
🌷 हमेशा जीवन भर भगवान की पूजा भक्ति भजन नहीं किया तो कभी अंत बेला में कभी भी ईश्वर की याद नहीं आएगी.
इसलिए जीवन में जितना भी समय मिला है उतना ही भक्ति भजन सुमिरन कर लेना चाहिए
तभी हमारा उद्धार होगा 🌷
🍏 देह में ही सब विकार होते हैं और गुरु हमको देह अध्यास से ही ऊपर उठा देता है
अब हमको यह प्रयास करना चाहिए कि जगत में सबसे अलग होकर रहना चाहिए.
जब भगवान राम का राज्य अभिषेक होने जा रहा था
लेकिन सभी देवताओं ने सोचा कि अब सभी असुरों का संहार कैसे हो पाएगा
और भगवान का अवतार लेने का मतलब नहीं होगा 🌷
तब सबने सरस्वती माता से कहा कि आप कैकई माता के मुख में बैठ कर उनसे राम के लिए 14 वर्ष का वनवास और भारत के लिए राजा दशरथ से मांग लें तो राम जी जाकर सबका संहार कर देंगे और जगत की भलायी होगी,
इसलिए कैकई माता ने अपनी बुरायी जगत में करवाकर भी सबकी अच्छाई के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी किया था. 🌹
🌹 चरण साधु का धो धो के पी, और arp साधु को अपना जी 🌹
इसका मतलब सबने लगा लिया कि सभी साधु संतों के पैरों को धोकर जल पी लिया तो उससे शरीर में बीमारी हो गई और महिलाओं ने सन्तों को अपना शरीर अर्पित कर दिया तो सब गलत कार्य होने लगा,
जबकि इसका मतलब यह है कि हमको अपने शरीर के जीव भाव को गुरु को अर्पण करना है
और भजन भक्ति में लीन रहना चाहिए..
🌷 हमारे अंदर सब शक्ति तो परमात्मा की ही होती है और करने वाला सब कुछ उसी के हाथ में है
और हम अहंकार के कारण अपने को या धन की शक्ति को ज्यादा महत्व देते हैं.
इसलिए जो भी हो सकता है सब कुछ उसी भगवान के दर्शन से होता है.
इसलिए शरीर में कोई बीमारी आने पर उसका इलाज डॉक्टर के पास ही जाकर मिलेगा
और केवल धन से नहीं हो सकता है.
💞 इसलिए हमेशा गुरु की कृपा और मेहरबानी से आज हमारी जिंदगी सुधर गई है.
हमको हमेशा गुरु का शुकराना मनाना चाहिए |