गुरु जी ने बताया कि
🍂इंसान अपना वीक पॉइंट अपने से कमजोर पर उतारता है,,,जैसे पति ने पत्नी पर क्रोध किया,,पत्नी ने बच्चों पर क्रोध किया,,,बच्चों ने बाहर जाकर कुत्ते को लात मारकर अपना क्रोध निकाला ।
🍂गुरु से भय मतलब गुरु से डरना नही, बल्कि गुरु से ये वाला भय होना चाहिए कि गुरु मुझसे नाराज ना हो जाएं ये भय होना चाहिए, भगवान से भी ऐसा डर होना चाहिए ।
🍂हरि रूठे ठौर है,गुरु रूठे ठौर नही, क्योंकि अगर भगवान नाराज होंगे तो गुरु मना लेंगे,लेकिन अगर गुरु नाराज होंगे तो कौन मनाएगा,,,,,,,,,,,।
🍂भगवान क्रमों की सजा देते है,,गुरु क्रमों से बचाते है और नए कर्म ना बने ऐसी सावधानी भी सिखाते है,,,,,,,।
🍂ना खुद को इतना निचा समझो ,,,की दुखी हो जाएं,,,ना खुद को इतना ऊंचा की कोई दिखाई ना दे,,,,,,,,,,।
🍂जीवन मे हमेशा बेलेन्स होना चाहिए,,,,,,, जैसे वीणा के तार इतने टाइट भी ना करें कि टूट जाये,,ना इतने ढीले छोड़ो की सुर ना सजे,,,,,,,,,,।
🍂ज्ञानी का जीवन नियमित होता है,,,खाना ,पीना, नहाना, सोना, जागना, हर कार्य नियमित रूप से होता है,,,,,,,,,।
🍂शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,।