🌾क्यों और कहां भटकना चाहते हो,,,कहाँ तक भटकोगे बुद्ध भगवान ने भी कहा इतना भ्रमण करने के बाद पता चला कि अपने भीतर ही परमात्मा का वास है
हमे तो पहले ही गुरु जी ने बता दिया कि, भीतर है सखा तेरा मन लगाकर देख,
अन्तःकरण में ज्ञान की ज्योत जलाकर देख,,,,,,,,,,,।
🌾फ्लाइट में कहा जाता है कि अपनी सीट पर बेल्ट बांधकर चुप चाप बैठ जाएं,,,,
ऐसे ही गुरु जी कहते है कि, अपने मन की बेल्ट बांधकर आत्मा की सीट पर शांति से बैठ जाएं,,,,,,,,,।
🌾जितनी साँसे प्रभु ने दी है उतनी रोटी प्रभु ने फिक्स करके रखी है,,,व्यर्थ चिंता ना करें,,,,,,,,,,।
🌾हर पल ध्यान ये रखें कि हमारा ध्यान कहाँ जा रहा है,,,,,,,,,,।
🌾हर कर्म ऐसा हो कि कोई पूछे तो बताने में जिजक ना हो,,,,,,,,,,।
🌾किसी का भी द्वेष मन मे से जितनी जल्दी हो सके निकाल दे वरना मन मे बातों का ज़हर बनता जाएगा,,,,,,,,,।
🌾घर मे अगर बड़ा चूहा आ जाता है, जब तक निकाल ते नही,
तब तक चैन से बैठ ते नही, ऐसे ही मन मे कोई परेशान करने वाला विचार आ जाएं तो ज्ञान के विचार से जितनी जल्दी हो सके बाहर निकाल दो,,,,,,,,,,,।
🌾शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,।
गुरु जी ने बताया कि
🌼धनिया में मिट्टी होती है, तो धनिया को पानी मे डालकर थोड़ी देर रख देते है,
फिर धोकर इस्तेमाल करते है, ऐसे ही गुरु जी कहते है कि मन मे भी किसी भी बात पर मिट्टी आ जाएं तो ज्ञान के पानी मे उस बात को रख दे थोड़ी देर में मिट्टी अपने आप साफ हो जाएगी,,,,,,,,,,,।
🌼जैसे दही में जामन डालकर छोड़ देते है ना ताकि सही जम जाए ,
ऐसे ही अपने अंदर भी ज्ञान का जामन डालकर निश्चिन्त होकर बैठ जाये आत्मिक स्थिति अपने आप बनती जाएगी,,,,,,,,,,।
🌼जिन्न भूत को याद करेंगे तो वो आ जाएंगे, ऐसे ही जैसा सोचेंगे वैसा होता जाएगा,,,,,
तो क्यों ना अच्छा ही सोचा जाएं,,,,,,,,,,,।
🌼सबको उनकी गलतियों के लिए माफ करके भूल जाएं कि हमने माफ किया,,,,,,,,,,,,।
🌼मल, विक्षेपता , आवरण से ऊपर उठना है,,,,,,,,,,।
🌼ज्ञान की राह में कुछ भी होने पन की हठ को छोड़ना होगा,,,,,,,,,,।
🌼जो हमारी बुराई करता है उसको ब्रह्म का रूप जानकर प्रेम करते चले, क्योंकि वो ही हमें परमात्मा तक पहुचाते है,,,,,,,,,,,।
🌼जिसने मन को जीता नही वो भटकता ही रहता है,,,,,,,,,,,,।
🌼शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,।