गुरु जी ने बताया कि
🌵दवाई और खाना खाने के बाद हजम होना जरूरी होता है,,,, ऐसे ही ज्ञान भी सुन ने के बाद हजम होना जरूरी होता है,,कैसे तो बताया कि कहत, सुनत, रहत गत पावे ।
🌵किसी की भी निंदा करना मतलब मांस खाना ।
🌵जिसकी भी निंदा करते है उसके बुरे कर्म हमारे खाते मै आ जाते है ।

🌵निंदा करने से हमारे पुण्य खत्म होते जाते है ।
🌵संतो महात्मा की निंदा करने से भारी दुख सहना पड़ सकता है ।
🌵हमे किसी के कर्मो में नही जाना है ।
🌵खुद को सुधारना मुमकिन है, दूसरों को सुधारना ना मुमकिन होता है ।
🌵नजर रखनी है तो स्वयंम पर नजर रखें, जो करेंगे सो भरेंगे ।
🌵झाड़ू पोछा घर की सफाई करते है तो घर के कोने में पडे रहते है, लोगो के कर्म देखेंगे तो कोने में पड़े रह जाएंगे ।
🌵जीवन मे कोई ऐसा संकल्प ना करें कि दुखी होना पड़े ।
🌵शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ ।