गुरु जी ने बताया कि
🌹बुनियाद जितनी पक्की होती है, बिल्डिंग उतनी ही मजबूत होती है,, अपने मन मे ज्ञान की बुनियाद पक्की करें
🌹जब परमात्मा ने ज्ञान देने में देरी नही की, तो फिर हम क्यों जीवन बनाने में देरी कर रहे है, ?
🌹भोग का सुख तो भाग्य में होगा तो मिल ही जायेगा,,
लेकिन योग का सुख सबको मिल सकता है, गुरु कृपा से और पुरुषार्थ से
🌹जब खुद का शरीर हमारे हिसाब से नही चलता,
तो दूसरों से क्यों आशा रखते है, की हमारे हिसाब से चले ।
🌹ज्ञान की राह में डबल त्याग होता है, मतलब जब हम किसी को छोड़ देंगे मन से तो वो भी हमे मन से छोड़ देता है ।
🌹कहीं कुछ गलत होते दिखें तो मौन हो जाएं ,मौन ना हो पाएं तो वहां से हट जाएं ।
🌹सबसे बड़ा निष्काम रोते हुए को हसाना, टूटे हुए दिल को जोड़ना होता है ।
🌹चूहा वैसे चंचल होता है, कुतर कुतर करता है
पर जब गणेश जी उनकी सवारी करते है, तो वो ही चूहा शांत हो जाता है,,,,
ऐसे ही ये मन भी अज्ञानता में इधर, उधर कुतर कुतर करता था, लेकिन गुरु ज्ञान मिलने के बाद शांत हो जाता है ।
🌹शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ ।
गुरु जी ने बताया कि
🌷प्रेम लेने से देने में ज्यादा बढ़ता है,,,,क्योंकि देने में ही लेना छुपा हुआ है ।
🌷नींद से जागने के बाद मुंह धोते है ना, तो अज्ञान की नींद से जागने के बाद ज्ञान की गंगा में नहाना भी तो है, क्योंकि अज्ञान की नींद भी तो बरसो की है ।
🌷क्रोध एक ऐसी अग्नि है पहले खुद को बाद में दुसरो को जलाती है ।
🌷खुद से कोई गलती होती है तो खुद को माफ करते है ना , फिर दुसरो से जब गलती हो तो उनको भी माफ करना सीखें ।
🌷स्वयंम को गलत बातों से , छल कपट से बचाना सबसे पहला निष्काम है ।
🌷अपने पास हर समय गुरु ज्ञान के वचनों का पिटारा रखो ।
🌷कोई भी सवाल करें तो उसको आत्मिक रूप मानकर उत्तर दे नही तो जन्म मरण का चक्कर तैयार हो जाएगा ।
🌷कोई भी वचन पहले अनुभव में लाना है बाद में सुनाना है, तभी सामने वाले के जीवन मे वो वचन लग पायेगा ।
🌷हर वचन पहले खुद पर अप्लाई करना है फिर दुसरो पर सप्लाय करना है ।
🌷शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ ।
Guruji hariom