वायुमार्ग के वाहनों को इतनी ऊंचाई से नीचे की वस्तु और यहां तक की शहर भी स्पष्ट नहीं दिखाई देते (यदि आप अपने शहर के ऊपर भी उड़ रहे है तो आपको यह तो समझ आएगा कि नीचे शहर है परन्तु आप अपने शहर को ऊंचाई से नहीं पहचान पाएंगे)।

टावरों या अन्य कोई ऊंची इमारत, जिसकी ऊंचाई 45 मीटर से अधिक है, पर ऐसी ही लाल रंग की बत्ती लगाना अनिवार्य है। टावरों पर यह इसलिए लगाई जाती है ताकि वायुमार्ग से यातायात करने वाले वाहन चालकों को यह पता चल जाए कि नीचे कोई वस्तु है। और यह टॉवर या ऊंची इमारतें जिन पर लाल रंग की बत्ती लगी होती है कम ऊंचाई पर उड़ने वाले वाहनों को राह दिखाने का भी कार्य करते है।

45 मीटर से ऊंची इमारतों या टावरों पर लगी इस प्रणाली को एयरक्राफ्ट वार्निंग लाइट्स कहते हैं
यह लाल रंग की होती है क्योंकि लाल रंग का फैलाव सबसे कम होता है जिससे यह अधिक दूरी से भी स्पष्ट दिखाई देता है।
टावरों पर किस तीव्रता की लाल बत्ती लगाई जानी है ये भी टावरों की ऊंचाई पर निर्भर करता है।